घर खरीदने पर आपको कितना पैसा खर्च करना चाहिए?
अगर पैसे की दिक्कत नहीं होती तो आप कहां रहना पसंद करते? क्या आप गार्डन के साथ एक विला चुनते, शहर से दूर कोई कोठी या किसी नई सोसाइटी में क्लब हाउस और पूल के साथ कोठी.
हर किसी के सपने का घर अलग हो सकता है. अधिकतर लोगों के लिए पैसे की दिक्कत मुख्य मसला है. जब लोग घर खरीदने की प्रक्रिया में होते हैं तो वे अपने बजट को ज्यादा से ज्यादा खींचने की कोशिश करते हैं. क्या आपको वाकई बड़े बेडरूम, अटैच टेरेस या इटेलियन मार्बल वाले फ्लोर की जरूरत है?
कई बार बढ़िया घर खरीदने के चक्कर में आप अपना बजट बिगाड़ लेते हैं. घर की कीमत में सिर्फ विज्ञापन वाला मूल्य ही शामिल नहीं है, इसके बाद भी बहुत से खर्च होते हैं.
देश के टॉप शहरों में आप क्या अफोर्ड कर सकते हैं?डाउन पेमेंट के लिए बचत करने में आपको लगेंगे इतने साल
*यहाँ हमने टैक्स चुकाने से पहले की आमदनी आठ लाख रुपये और बचत की दर 25% मानी है. इसके साथ ही बचत पर ब्याज दर 10% मानी गई है.
इन शहरों में आप एक लाख रुपये में कितनी जगह खरीद सकते हैं.यह वैल्यू 1000 वर्ग फीट के रेडी टू मूव फ्लैट के हिसाब से है. शहर में प्रॉपर्टी की औसत कीमत के लिए अर्थयंत्र के विश्लेषण का इस्तेमाल किया गया है.
ड्रीम हाउस या पैसे को देखें
विशेषज्ञों के मुताबिक घर खरीदने वाले लोगों की धारणा में पिछले कुछ सालों में काफी बदलाव आया है. बैंक बाजार के सीईओ आदिल शेट्टी ने कहा, 'अब युवाओं के लिए घर सिर्फ घर नहीं है. यह खुद को व्यक्त करने का एक जरिया बन गया है.'
उनके मुताबिक अब युवा घर खरीदने के लिए बहुत सी चीजों पर गौर करते हैं.
नाईट फ्रैंक इंडिया के डायरेक्टर (चेन्नई) कंचन कृष्ण ने कहा, 'बढ़ती आमदनी की वजह से युवा अब अधिक सुविधाओं वाले घर में रुचि लेता है. इसके साथ ही बैंक अब घर के लिए लोन देने में भी अधिक उदार हैं.'
ईटी वेल्थ के एक सर्वे में पता लगा है कि हर तीन घर खरीदार में से एक अपनी बचत का 50% मकान के लिए डाउन पेमेंट में गंवा देता है.
अर्थ यंत्र के एक विश्लेषण में पता लगा है कि देश के बड़े शहरों में घर खरीदने के लिए डाउन पेमेंट काफी करना होता है. इसके लिए आपको पहले से बचत करने की जरूरत है. मुंबई जैसे शहर में आपको डाउन पेमेंट की व्यवस्था करने में ही 12 साल लग जाते हैं. दिल्ली और चेन्नई में यह समय सात साल है.
समस्या सिर्फ डाउन पेमेंट की ही नहीं है. इसके बाद मासिक क़िस्त भी आपकी आर्थिक स्थिति पर दबाव बना देती है. होम इंश्योरेंस का प्रीमियम अलग से आता है.
ज्यादा बढ़िया सोसाइटी में घर लेने पर मेंटेनेस का खर्च भी 8000-10,000 रुपये महीने का होता है.
वाइज इन्वेस्ट एडवाइजर के हेमंत रुस्तगी ने कहा, 'अगर आप किसी बेहतर लोकेशन पर जाते हैं तो आपके रहने-सहने का खर्च भी बढ़ता है. घर के इंटीरियर और बाहरी सजावट पर खर्च भी घर के खर्च में ही शामिल है.'
पैसे की पूरी कीमत वसूल करना
प्रॉपर्टी बेचने के समय के बारे में मकान की कीमत को लेकर कोई भ्रम नहीं पालें. बाजार की अभी की स्थितियों में इस सेक्टर में तरलता की भी कमी है. इसका मतलब है कि अगर आप अपना घर बेचना चाहते हैं तो इसमें आपको खरीदार तलाशने में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है.
रुस्तगी ने कहा, 'प्रीमियम हाउसिंग सेगमेंट में पैसे की काफी दिक्कत है.' बन रहे मकान खरीदने वाले लोगों के साथ दूसरी समस्या है. प्रोजेक्ट पूरा होने में लगने वाले समय का कोई अंदाजा नहीं होता.
क्या इतनी मुश्किलों का सामना करना सही है?
मध्य आय वर्ग के किसी व्यक्ति के लिए सभी मुश्किलों से पार पाने के बाद भी बहुत से समझौते करने पड़ते हैं. बड़े घर, बेहतर लोकेशन के बाद नया लाइफ स्टाइल भी अपना ही लिया जाय, जरूरी नहीं होता.
एनारॉक प्रॉपर्टी कन्सल्टेंट के अनुज पुरी ने कहा, 'आप प्रदूषण मुक्त और साफ़ सुथरे इलाकों में जा सकते हैं, लेकिन वहां आपको बिजली-पानी जैसे समस्या का सामना करना पड़ सकता है. इस तरह के घर वैल्यू के हिसाब से भी सही नहीं होते.'
व्यावहारिक नजरिया अपनाएंघर ढूंढने से पहले ठंडे दिमाग से सोचें. पूरी ने कहा, 'आपके लिए आदर्श घर बिना अधिक समझौते के आराम पहुंचाने वाला होना चाहिए. इसके साथ ही इसकी रीसेल वैल्यू ठीक होनी चाहिए. आप किसी एक या दो चीज पर ध्यान देंगे तो ठीक रहेगा.'
अपनी प्राथमिकताओं को दिमाग में रखें और व्यावहारिक दिक्कतों का ध्यान रखते हुए अपने लिए घर ढूंढें. सही कीमत और बेहतर सुविधा वाला घर आपकी जेब के साथ आपके दिमाग को भी हल्का रखेगा.
हमारी टीम यहां व्यक्तिगत रूप से सबसे बढ़िया योजना विश्लेषण प्रदान करके इन सभी संबंधित मुद्दों पर आपकी सहायता करने के लिए तैयार है। आपको बस www.haveon.in पर क्लिक करने की आवश्यकता है
Comments
Post a Comment